लगातार मिलते समर्थन से िबगड़ सकता है वाेटाे का समीकरण, राेमांचक माेड़ पर दक्षिण मुंबई की सीट
महाराष्ट्र न्युज नेटवर्क : अभिजित डुंगरवाल
मुंबई। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग भी सम्पन्न हो गई। वही अगले चरण की तैयारियां जोरो साेराें से चल रही है। हालांकि मुंबई में चुनाव 20 मई को होना है। वैसे ताे मुंबई देश की अार्थिक राजधानी है। लेकिन जब बात लाेकसभा सीट की अाती है ताे सबसे राेचक सीट दक्षिण मंुबई की हाेती है। जहां राजनैतिक दल अपने उम्मीदवार तय करने में लगे है, वही लेकिन इस बार सुप्रसिद्ध समाजसेवी गणपत काेठारी ने दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में अपनी उम्मीदवारी घाेषित करते ही चुनावी दंगल में उनका प्रवेश हाे गया। काेठारी के अाते ही वाेटाे का समीकरण भी अब बदलता दिखाई दे रहा है। जिस प्रकार लगातार भारी मात्रा में गणपत काेठारी काे व्याापारियाें, सहित कई बड़ी-छाेटी समािजक संस्थाअाें, धार्मिक संप्रदाय व अासपास के झुग्गी-झाेपडी, बैठी चाल तथा वहां के रहिवासियाें का समर्थन िमल रहा है उससे ताे इस बार मुकाबला राेचक हाेने की उम्मीद है। आपकाे बता दे कि काेठारी प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी के विकास की नीित से प्रभावित है आैर उन्हें अपना प्रेरणास्राेत व मार्गदर्शक मानते है। चुनाव से जुडी तैयारियों को लेकर प्रवासी एकता के सवंाददाता ने दक्षिण मंुबई लाेकसभा की सीट के निर्दलीय प्रत्याशी गणपत कोठारी से खास बातजीत की, जिसमें कोठारी ने अपनी बाताें काे बेबाक अंदाज से रखा।
पेश है एक खास बात चीत…
प्रश्न: चुनाव लडने का कारण? जवाब: मैं यहाँ पिछले 40 सालाें से व्यापार कर रहा हुं। ताे मुझसे बेहतर यहां की समस्या को काेई नही जान और समझा है। मेरे चुनाव जीतने के बाद मैं व्यापारियों व रहिवासियो को राहत दे सकू, जिसके चलते मैंने दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लडने का निर्णय लिया है।
प्रश्न: इस बार ही चुनाव लडने का फैसला क्यों?
जवाब: मैं आपको बता दूं कि दक्षिण मुंबई से सरकार काे सर्वाधिक राजस्व िमलता है, लेकिन बात करे मूलभूत सुविधाओं की तो वह ना के बराबर है। जिसका खामियाजा यहां के रहिवाशियों और कारोबारियों को भुगतना पड़ रहा है। मेरा मानना है कि अगर दक्षिण मुंबई से सरकार सबसे अधिक राजस्व की प्राप्ति हाेती है ताे वह इस इलाके में मूलभूत सुविधा देने में असहाय क्याें है। यही कारण है कि दक्षिण मुंबई की समस्यायों तथा विकास के मुद्दे को देश की संसद में बुलंद करने तथा केंद्र एवं राज्य सरकार को इस संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए विवश करने के संकल्प के साथ ही यह व्यापारी भाईयो और रहिवासी भाई बहनों के आग्रह पर ही मैने लोकसभा चुनाव लडने का फैसला किया है।
प्रश्न : इस लोकसभा चुनाव में आप अहम मुद्दे क्या है?
जवाब: समुद्र किनारे बसा दक्षिण मुंबई शहर सबसे महंगे शहराें में शुमार है। लेकिन जब बात मूलभूत सुिवधाअाें की अाती है ताे कुछ कह ही नही सकते, मतलब कि .. जाे कि है ही नही। इस लोकसभा चुनाव में दक्षिण मुंबई की मूलभूत सुविधाअाें का अभाव व यहां की समस्या ही अहम मुद्दा है। इसके अलावा जिस तरह दक्षिण मुंबई शहर सबसे महंगे शहराें में शुमार है ठीक उसी तरह का डेवलपमेंट करना भी अहम मुद्दों में से एक है। साथ ही यहां लाखाें बंगाली कारीगर व कर्मचारी काम करते है, जाे जगह के अभाव से धीरे धीरे यहां से पलायन करने काे मजबूर हाे रहे है। उन्हें विश्वास िदला कर उनकी समस्याअाें काे हल करना भी उन्ही मुद्दाें मे शािमल है।
प्रश्न: आप किन किन संस्थाओं से जुड़कर सामाजिक कार्य कर रहे है।
जवाब: वैसे तो मैं कई बडी-बडी सामाजिक संस्थाओं से जुड़ा हुआ हुं, साथ ही मैने कई सामाजिक व धार्मिक कार्य किए है। सभी धर्म संप्रदाय के लाेगाें के साथ िमलजुल कर नियमित सामाजिक, धार्मिक व आध्यात्मिक, शांति एव सद्भाव हेतु भी कई कई बड़े कार्यक्रम किए है। मैने कोरोना काल में कई धर्म व संप्रदाय के लाेगाें को मेडिकल सहायता, एजुकेशन सहायता व राशन वितरण का कार्य भी किया है। मैने जाे भी सामाजिक, धार्मिक व आध्यात्मिक, शांति एव सद्भाव हेतु जाे कार्य किए उसके लिए मंुझे कई संस्थाअाें द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। अागे भी मैं यह कार्य करता रहंुगा, उनका अाशीर्वाद मुझे अनश्य िमलेगा।
प्रश्न: आप अपने प्रतिद्वंदी से क्या कहेंगे?
जवाब: मैं अपने प्रतिद्वंदी से यही कहना चाहूंगा कि मेरा किसी से कोई लड़ाई और आपसी मतभेद नहीं है। बस देश हित में सब मिलकर काम करेंगे और साथ रहेंगे। जय हिंद जय महाराष्ट्र।
