जैन समाज में तीव्र आक्रोश, महाकाली मंदिर ट्रस्ट के खिलाफ कार्रवाई की मांग
महाराष्ट्र जैन वार्ता
बड़ौदा : गुजरात के पंचमहल जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पावागढ़ पर्वत पर स्थित शक्तिपीठ महाकाली माता मंदिर के रास्ते में दादरा के दोनों किनारों पर हजारों साल पुरानी जैन तीर्थंकरों की तोड़फोड़ की हुई मूर्तियां मिलने से भारी हंगामा हुआ है। विकास के नाम पर मूर्तिओं को तोड़कर कूड़े में फेंका जा रहा है। रविवार (१६ जून) देर शाम बड़ी संख्या में जैन धर्मावलंबी पावागढ़ थाने पहुंचे और उन्होंने तोड़फोड़ रोकने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
पावागढ़ तीर्थ विकास समिति का कहना है कि, पावागढ़ पहाड़ी पर मंदिर तक जाने के लिए पुरानी सीढ़ियॉं हैं। गोखला के दोनों ओर २२ वें तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान सहित ७ मूर्तियां हजारों वर्षों से स्थापित हैं। जैन लोग सेवा पूजा के लिए प्रतिदिन वहां जाते हैं।
२० दिन पहले इस पुरानी सीढ़ी को तोड़ने का काम शुरू किया गया था। उस समय, जैनियों ने कलेक्टर और एएसआई को एक शिकायत सौंपी थी, जिसमें यह आशंका व्यक्त की गई थी कि तोड़फोड़ की प्रक्रिया में जैन तीर्थंकरों की मूर्तियॉं क्षतिग्रस्त हो जाएंगी। हालॉंकि ये मूर्तियॉं संरक्षित स्मारक हैं, लेकिन हमारी याचिका को नज़रअंदाज़ करते हुए आज मूर्तियॉं ध्वस्त कर दी गईं।
महाकाली मंदिर ट्रस्ट के जिम्मेदार ट्रस्टियों के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाने चाहिये – रविवार (१६ जून) देर रात, जैन समुदाय के लोग बड़ी संख्या में पावागढ़ पुलिस स्टेशन पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई की।
यह कृत्य न केवल धार्मिक आस्था का अनादर करता है बल्कि धार्मिक प्रथाओं और पूजा स्थलों की रक्षा के लिए बनाए गए संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों का भी उल्लंघन करता है, इसलिए हम प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं।
हम मांग करते हैं कि तीर्थंकर मालाओं को तत्काल प्रभाव से उनके सही स्थान पर बहाल किया जाए. इस घृणित कृत्य के लिए महाकाली मंदिर ट्रस्ट के जिम्मेदार ट्रस्टियों के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई करें।
तीर्थंकरों की खंडित मूर्तियों को तीन दिन के अंदर ठीक करे। तीर्थस्थल पावागढ़ पर विकास के नाम पर किये गये कृत्य का निषेध करते हुए वडोदरा में जैन समाज ने जिला कलेक्टर के आवास पर जाकर शिकायत दर्ज कराई।
इस मामले में राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेष पटेल ने कहा है कि यह मामला हमारे संज्ञान में आया है। हमने ब्योरा मांगा है। इस घटना के बाद न सिर्फ वडोदरा, बल्कि अहमदाबाद, सूरत समेत राज्य भर में जैन समाज में भयंकर गुस्सा फूट पड़ा है।
जैन समाज की ओर से कलेक्टर को प्रार्थना पत्र – जैन नेताओं का आरोप है कि यह अच्छी बात है कि महाकाली माता मंदिर का विकास किया जा रहा है लेकिन किसी के इशारे पर पावागढ़ में हजारों साल पुरानी श्वेतांबर जैन मूर्तियों को खंडित, उखाड़कर फेंक दिया गया है। इस घटना से जैन समाज में गंभीर प्रतिक्रिया हुई है। और इस हादसे के बाद संबंधितों पर कार्रवाई के लिए हर शहर में जैनाचार्य कलेक्टर को प्रार्थना पत्र देंगे।
जैन मुनियों की आंदोलन की चेतावनी – सूरत के अठवालाइन्स इलाके में जैन साधु-संतों द्वारा जोरदार आंदोलन शुरू किया गया है। इस बीच जैन मुनि ने चेतावनी दी है कि, जब तक अपराधियों को सजा नहीं मिल जाती, हम यहां से नहीं जाएंगे। गृह मंत्री हर्ष संघवी के आश्वासन के बावजूद जैन साधु-संत धरना खत्म करने को तैयार नहीं हैं। जिनागम रत्न महाराज ने गृह मंत्री हर्ष संघवी पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात के जैन समाज को अब राज्य सरकार और गृह मंत्री के आश्वासनों पर भरोसा नहीं है।
मूर्तियां दोबारा स्थापित होने तक आंदोलन – पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित महाकाली मंदिर ट्रस्ट द्वारा जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों को अंधाधुंध तोड़ दिया गया है, जिसके बाद जैन समुदाय में आक्रोश है। सोमवार (१७ जून) रात रावपुरा टावर चार रास्ता पर वडोदरा जैन समाज के नेताओं की बैठक हुई और बैठक के बाद सभी लोग पावागढ़ के लिए रवाना हो गए। इस मामले पर बात करते हुए जैन नेता ने कहा कि आवेदन पत्र जमा करने के बाद भी वही हुआ जिसका डर था। जहॉं जैन लोग हजारों वर्षों से पूजा करते आ रहे हैं, उन मूर्तियों को कोई कैसे तोड़ सकता है? वडोदरा के जैन नेता कलेक्टर को याचिका सौंपेंगे, जिसके बाद मामला हाई कोर्ट में ले जाया जाएगा। मूर्तियां दोबारा स्थापित होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
