महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : पुणे के युवाओं द्वारा नवकार तीर्थ यात्रा संघ के माध्यम से पहली बार 11 दिवसीय डोमेस्टिक और इंटरनेशनल तीर्थ यात्रा का सफल आयोजन किया गया। इस अयोध्या-नेपाल यात्रा में कुल 51 यात्री सहभागी हुए।
इस तीर्थ यात्रा में बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। यात्रा के दौरान प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या (डोमेस्टिक) और लुंबिनी, पोखरा, मनोकामना, काठमांडू, चितवन (इंटरनेशनल) जैसे तीर्थ स्थलों के दर्शन किए गए। यात्रा का आयोजन पुणे से पुणे तक किया गया था।
यात्रा की शुरुआत से पहले जिन शासन चंद्रिका, प. पु. उज्ज्वलकुंवरजी म. सा. आदि ठाणा 3 ने मंगल पाठ एवं आशीर्वचन प्रदान किया। गुरुणी मैया ने भी संदेश दिया कि यह यात्रा निर्विघ्न संपन्न हो।
इस यात्रा को सफल बनाने में ललित नवलखा, कुंदन आबड, अजय रायसोनी, मयूर रायसोनी, तेजस लोढ़ा और पीयूष बोरा सहित नवकार तीर्थ यात्रा संघ के अन्य सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यात्रा के दौरान दवाइयों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, डॉ. जितेंद्र गांधी ने स्वयं उपस्थित रहकर सहयोग प्रदान किया। यह प्रथम डोमेस्टिक-इंटरनेशनल यात्रा थी, जिसमें पुणे, मुंबई, अहमदनगर, नासिक, सोलापुर, संभाजीनगर, जलगांव और कोल्हापुर जैसे विभिन्न जिलों से यात्री शामिल हुए।
नया देश, नई चुनौतियां और अनजाने अनुभवों के साथ इस यात्रा ने सभी के लिए सफलता अर्जित की। यात्रियों के आपसी सहयोग और सतर्कता के कारण यात्रा में किसी भी प्रकार की जीवित हानि या बड़े संकट का सामना नहीं करना पड़ा।