“स्वर्ण-संयंम आराधक” उपाधीसे किया अलंकृत
महाराष्ट्र जैन वार्ता
राजगुरुनगर : सौभाग्य आनंद दरबार मे आगम ज्ञाता, प्रखरवक्ता, प्रवर्तक गुरुदेव श्री.प.पु प्रकाशमुनीजी म. सा. का ५० वर्षिय स्वर्णिम संयम अनुमोदना उत्सव आध्यात्म रुपसे मनाया गया। आचार्य डॅा. प.पु.शिवमुनीजी म.सा. द्वारा “स्वर्ण संयंम आराधक” उपाधीसे प.पु प्रकाशमुनीजी म. सा. को अलंकृत कीया गया।
गुरुदेव के संयम यात्रा के ५० वर्ष पुरे हुये। राजगुरुनगर श्री संघ के ओर से इस समारोह का आयोजन किया गया था। प. पु. दर्शनमुनीजी म.सा., प. पु. अभिनंदनमुनीजी म. सा., विदुषी प. पु. चंदनबालाजी म. सा., खान्देशरत्ना प्रवर्तिनी प. पु. सुमनप्रभाजी म. सा., प. पु. स्वर्णश्रीजी म. सा, प. पु. चंद्रयशाजी म. सा., प. पु. कल्पनाजी म. सा., प. पु. विभाश्रीजी म. सा., प. पु. राजेश्वरीजी म. सा. आदि ठाणा ७ के सानिध्य मे संयमयात्रा का ५० वा दीक्षा दिन मनाया गया।
प्रवर्तन प. पु. प्रकाशमुनीजी म. सा. की दीक्षा 50 वर्ष पहले आचार्य गुरुदेव आनंदऋषिजी म. सा. के मुखारविंद से पिंपलगांव बंसवत नासिक में हुई थी। सभी साध्वी गण एवं संतों ने गुरुदेव के गुणों का वर्णन करते हुए दीक्षा दिवस की ढेर सारी बधाइयां दी। आगम ज्ञाता, प्रखरवक्ता, प्रवर्तक प. पु. श्री प्रकाशमुनीजी म. सा. की प्रवचन शैली तो सबको मंत्र मुग्ध करानेवाली है।
उन्होने संयम का महत्व बताते हुए जीवन में खुशी के रहस्य कहां छुपे हैं, इसका बहुत ही सुंदर वर्णन जिनवाणी के माध्यम से प्रस्तुत किया। डॅा. शिवमुनीजी म.सा., युवाचार्य प. पु. महेंन्द्रऋषिजी म. सा., महाराष्ट्र प्रवर्तक प. पु.कुंदनऋषिजी म. सा. आदि के शुभ संदेश इस अवसर पर प्राप्त हुये।
राजगुरुनगर श्री संघ के अध्यक्ष अजय बलदोटा, महामंत्री चंदन खारीवाल, प्रमुख मार्गदर्शक विजय भंसाली, लालचंद कर्नावट, अमर टाटिया, प्रकाश गादिया, संतोष बोथरा, प्रदीप कासवा, दिलप कटारिया, संघ के सभी पदाधिकारी, आचार्य डॅा. प. पु. शिवमुनीजी म. सा. द्वारा आयी “स्वर्ण संयंम आराधक” की चादर उपस्थित मान्यवरो द्वारा एवं राजगुरुनगर श्री संघ के पदाधिकारीयों द्वारा प्रदान की गयी।
गौतम प्रसादी के लाभार्थी विजय भंसाली को पिंपरी चिॅचवड के उपस्थित संघ पदाधिकारीयों द्वारा एवं राजगुरुनगर जैन श्रावक संघ के पदाधिकारीयों के उपस्थिती मे नवाजा गया।
