महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : पत्रकारिता की कठिन राह पर चलने वाले पत्रकार समाज का आईना होते हैं। पत्रकार ही समाज में छिपी कुरीतियों, लोगों की समस्याओं और अन्य मुद्दों को उजागर करने का कार्य करते हैं। पत्रकारिता समाज का दर्पण है और पत्रकार की भूमिका मार्गदर्शक की होती है। इस प्रकार के विचार मुनि श्री अतुलकुमारजी ने व्यक्त किए।
युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के आज्ञानुवर्ती शासन मुनि श्री रविंद्रकुमारजी एवं मुनि अतुलकुमारजी के सानिध्य और तेरापंथ सभा के तत्वावधान में पत्रपत्रकार सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें राजस्थान पत्रिका संवाददाता भरत कुमार, दैनिक भास्कर संवाददाता दिनेश कुमार और दैनिक नवज्योति संवाददाता शंकर सिंह उपस्थित रहे।
मुनि श्री अतुलकुमारजी ने प्रेरणा पाथेय में कहा कि पत्रकारिता की कठिन राह पर चलने वाले पत्रकार समाज का आईना होते हैं। पत्रकार ही समाज में छिपी कुरीतियों, लोगों की समस्याओं और अन्य मुद्दों को उजागर करने का कार्य करते हैं। पत्रकारिता समाज का दर्पण है और पत्रकार की भूमिका मार्गदर्शक की होती है।
इसलिए मानवता और समाज हित को सर्वोपरि रखते हुए पत्रकारिता की जानी चाहिए। पत्रकार भी समाज के अभिन्न अंग होते हैं। मुनि श्री ने कहा कि नकारात्मक समाचारों से समाज में भी नकारात्मकता फैलती है, जिससे राष्ट्र की तरक्की और समाज का विकास प्रभावित होता है।
इसलिए समाज और राष्ट्र हित में सदैव सकारात्मक पत्रकारिता होनी चाहिए। हर किसी को चाहिए कि किसी को भी नुकसान न पहुंचाए। मुनि श्री ने कहा कि संसार में तीन प्रकार की प्रकृति के व्यक्ति होते हैं: सतोगुणी, रजोगुणी और तमोगुणी।
सतोगुणी व्यक्ति दूसरे का दुख देख ही नहीं सकता। वह दूसरे के दुख में स्वयं दुखी हो जाता है और प्रयास करता है कि उस दुख को दूर करने में कैसे मदद कर सके। ऐसे व्यक्ति सभी के सुख की कामना करते हैं। रजोगुणी व्यक्ति केवल खुद तक सीमित रहता है, न तो किसी को सुख देता है और न ही दुख।
तमोगुणी व्यक्ति तब तक चैन से नहीं बैठता जब तक किसी और को दुख न दे दे। ऐसा व्यक्ति अपने आस-पास के अधिकांश लोगों से भीतर-भीतर ईर्ष्या करता है और उनका बुरा चाहता है। ऐसा व्यक्ति किसी और का बुरा कर सकता है या नहीं, लेकिन अपना नुकसान तो कर ही लेता है।
मुनि श्री रविंद्रकुमारजी ने मंगल पाठ सुनाया। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष प्रकाश बोहरा ने स्वागत वक्तव्य दिया। राजस्थान पत्रिका संवाददाता भरत कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस दौरान भिक्षु विहार अध्यक्ष नरेंद्र कोठारी, महेंद्र कोठारी (अपेक्स), पूरण गांग, मुकेश कोठारी, विनोद कोठारी, नवरत्न मादरेचा, सोहनलाल चपलोत, भेरूलाल लोढ़ा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

