आगामी वर्षों के लिए समाज हितार्थ कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए
महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : अखिल भारतीय श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक युवक महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 16 मार्च को जय जिनेंद्र प्रतिष्ठान, पुणे में संपन्न हुई। इस बैठक की अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय चेयरमैन सुनील सिंघी और राष्ट्रीय अध्यक्ष हरेश शाह ने की। बैठक में समाज और देशहित में आगामी वर्षों के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन का निर्णय लिया गया।
युवक महासंघ, पुणे के अध्यक्ष विलास शाह ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। इसके बाद, राष्ट्रीय सचिव सुनील गांग ने गत सभा का वृतांत प्रस्तुत किया। महाराष्ट्र राज्य अध्यक्ष अचल जैन ने महासंघ की नई वेबसाइट की जानकारी दी और उसका विधिवत उद्घाटन किया।
बैठक में देवेंद्र जैन ने साधर्मिक भक्ति के उत्कृष्ट कार्यों और समाज के निराधार गरीब रिक्शा चालक, ओला-ऊबर ड्राइवरों को आत्मनिर्भर बनाने की योजनाओं की जानकारी दी। भूतपूर्व अध्यक्ष गौतम जैन ने चेन्नई में चल रहे मानव सेवा कार्यों का परिचय दिया, जबकि जिग्नेश दोषी ने मुंबई में अनुकंपा दान और सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डाला।
राजस्थान से रणजीत कवाड़ ने विभिन्न सेवा कार्यों का वर्णन किया। मध्य प्रदेश राज्य अध्यक्ष अनिल दसेड़ा ने अपने राज्य के विभिन्न शहरों में किए गए कार्यों की जानकारी दी। गुजरात से आए जयेश शाह ने हर वर्ष लगभग 2000 दर्जन निःशुल्क नोटबुक वितरण की जानकारी दी और अन्य मानव सेवा कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया।
सतीश शाह ने पुणे और महाराष्ट्र में हो रहे उत्कृष्ट मानव सेवा कार्यों पर प्रकाश डालते हुए समाज के निराधार गरीब वर्ग की सहायता को प्रमुख उद्देश्य बताया। मुंबई के नरेंद्र वाणी गोता ने समाज सेवा के प्रति प्रेरित किया, जबकि विनोद बरबोटा ने मार्गदर्शन दिया। अंत में, विकास बोहरा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
इस बैठक को सफल बनाने में पुणे इकाई के संपत जैन, गौतम छाजेड़, ललित गुंदेचा, शरद शाह, भद्रेश बाफना, प्रमोद शाह, नितिन जैन, नीलेश शाह, संदीप पारेख, ललित ओसवाल, निमिष शाह सहित कई सदस्यों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस संबंध में जानकारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष समीर एस. जैन ने दी।
निर्णीत कार्यक्रम
१ – वृक्षारोपण अभियान का आयोजन।
२ – भगवान आदिनाथ जन्म कल्याणक एवं दीक्षा कल्याणक उत्सव का आयोजन।
३ – भगवान महावीर जन्म कल्याणक उत्सव का आयोजन।
४ – शासन स्थापना दिवस का आयोजन।
५ – श्री वीरचंद राघवजी जन्म जयंती मनाना।
६ – पर्व पर्युषण में साधर्मिक भक्ति योजना का कार्यान्वयन।
७ – साधु साध्वी वैयावच्च व्यवस्था का संचालन।
८ – समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले मान्यवरों को सम्मानित करना।
