महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : श्री हाइड पार्क जैनसंघ, मार्केटयार्ड में पं. राजरक्षितविजयजी की पावन निश्रा में भगवान श्री पार्श्वनाथ के 2901वें जन्मकल्याणक के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर शंखेश्वर पार्श्वनाथ जिनालय में संगीतमय विशेष द्रव्यों से अभिषेक किया गया और समाज भवन के विशाल प्रांगण में मेरु महोत्सव का आयोजन हुआ।
इंद्र महाराज और इंद्राणी द्वारा भगवान पार्श्वनाथ के बाल स्वरूप को स्वर्ण मेरुपर्वत पर ले जाकर जन्माभिषेक किया गया। छोटी बच्चियों ने 56 दिक्कुमारियों और 14 स्वप्नों का नृत्य प्रस्तुत कर भक्तों को भावविभोर कर दिया। जब भगवान के जन्म का वाचन हुआ, तो श्रद्धालु हर्ष से झूम उठे।
पं. राजरक्षितविजयजी ने भगवान पार्श्वनाथ के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनका जन्म 2901 वर्ष पूर्व काशी देश (वाराणसी) में राजा अश्वसेन और रानी वामा के घर हुआ। उन्होंने 30 वर्ष की आयु में दीक्षा लेकर साधना की और केवलज्ञान प्राप्त किया। 100 वर्ष की आयु में मोक्ष प्राप्त कर संसार से मुक्ति पाई।
उन्होंने बताया कि भगवान के नाम का स्मरण भी हमारे जीवन में पवित्रता और शीतलता लाता है। भगवान का नाम ही संसार से तरण का मार्ग है। श्री संभवनाथ जिनालय, गुलटेकड़ी में पं. नयरक्षितविजयजी की निश्रा में भी श्री पार्श्वनाथ जन्मोत्सव का आयोजन हर्षोल्लास से किया गया। सैकड़ों श्रद्धालु अभिषेक में सम्मिलित हुए।
26 दिसंबर को श्री पार्श्वनाथ दीक्षा कल्याणक के उपलक्ष्य में सुबह 7:45 बजे “श्री पार्श्वकुमार पीरसाणा” का संगीतमय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

















