तीन दिवसीय आध्यात्मिक महोत्सव में प्रवचन, ध्यान और सामाजिक पहल
महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : पुणे वासियों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और जागरूकता का एक दुर्लभ अवसर तब आया, जब विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक संत पूज्य गुरुदेवश्री राकेशजी का पुना में भव्य स्वागत हुआ। इस पावन अवसर पर तीन दिवसीय आध्यात्मिक महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों साधकों ने भाग लेकर आध्यात्मिक ज्ञान, ध्यान और सेवा के संदेश को आत्मसात किया।
पूज्य गुरुदेवश्री राकेशजी आध्यात्मिक आर्षद्रष्टा, वैश्विक मानवतावादी और श्रीमद् राजचंद्र मिशन धरमपुर के संस्थापक हैं। उनका आगमन पुणे के साधकों के लिए अपूर्व आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत बना। इस महोत्सव के दौरान गणेश कला क्रीड़ा मंच में प्रतिदिन रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक उनके ज्ञानवर्धक प्रवचन हुए, जिनमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
पूज्य गुरुदेवश्री के प्रवचन सरल, प्रभावशाली और जीवन-परिवर्तनकारी रहे। उन्होंने बताया कि आध्यात्मिकता केवल एक साधना नहीं, बल्कि जीवन को नई दृष्टि से देखने का मार्ग है। उनके संदेशों ने पुणे के नागरिकों को आंतरिक शांति, प्रेम और करुणा की ओर प्रेरित किया।
इस आयोजन में पुणे की प्रतिष्ठित हस्तियों और गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया। इनमें प्रमुख रूप से अभय फिरोदिया, सुभाष रुणवाल, प्रकाश धारिवाल, विजय भंडारी, राजेश सांकला, विलास पारलेचा, इंदर जैन, मनीष जैन, देवेंद्र पीट्टी, कृष्णकुमार बुब सहित अन्य प्रमुख उद्योगपति, समाजसेवी और आध्यात्मिक साधक उपस्थित रहे।
पूज्य गुरुदेवश्री राकेशजी श्रीमद् राजचंद्र मिशन धरमपुर के संस्थापक हैं, जो 206 केंद्रों, 96 युवा समूहों और 250 से अधिक मूल्य शिक्षा केंद्रों के माध्यम से आध्यात्मिकता और सेवा का प्रसार कर रहा है। उनके मार्गदर्शन में संचालित श्रीमद् राजचंद्र लव एंड केयर प्रोग्राम को UNECOSOC की विशेष सलाहकार संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त है।
श्रीमद् राजचंद्र लव एंड केयर मिशन वंचित समुदायों के उत्थान और सेवा के लिए समर्पित है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हजारों ज़रूरतमंदों को स्वास्थ्य, शिक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित किया जा रहा है।
यह आयोजन पुणे के लिए एक ऐतिहासिक आध्यात्मिक क्षण साबित हुआ। अगर आप भी इस तरह के प्रवचनों और सेवाकार्यों से जुड़ना चाहते हैं, तो श्रीमद् राजचंद्र मिशन धरमपुर से संपर्क करें।
शांति और प्रेम का संदेश
पूज्य गुरुदेवश्री राकेशजी का यह पुणे प्रवास साधकों के लिए आध्यात्मिक जागरूकता, ध्यान साधना और समाज सेवा की प्रेरणा का अद्वितीय अवसर बना। उनकी शिक्षाएँ हमें यह सिखाती हैं कि सच्चा आनंद केवल आत्मिक उन्नति और मानवता की सेवा में ही है।
