महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : पुणे की पावन धरती बिबवेवाड़ी एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी, जब श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, बिबवेवाड़ी के तत्वावधान में पाच साधु भगवंतों का चातुर्मासिक मंगलप्रवेश अत्यंत श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के वातावरण में संपन्न हुआ।
यह प. पू. मुकेशमुनिजी म.सा. का महाराष्ट्र में प्रथम चातुर्मास है, जो समस्त जैन समाज के लिए अत्यंत गौरव का विषय बन गया है। उनके साथ सेवारत्न प.पु. हरीशमुनिजी म.सा., युवारत्न प.पु. नानेशमुनिजी म.सा., प्रज्ञारत्न प.पु. हितेशमुनिजी म.सा. तथा प्रार्थनार्थी प.पु. सचिनमुनिजी म.सा. आदि ठाणा 5 ने भी इस चातुर्मास हेतु पुण्य नगरी में पदार्पण किया।
इस शोभायात्रा की शुरुआत पुष्प मंगल कार्यालय, बिबवेवाड़ी से होती हुई श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन स्थानक भवन बिबवेवाडी में संपन्न हुई। इस भव्य शोभायात्रा के अवसर पर नवकारसी का लाभ प्रमोद माणिकचंदजी दुगड परिवार इन्होने लिया।
इस पावन अवसर पर प. पू. इंदुप्रभाजी म.सा. (आदि ठाणा) व प. पू. चैतन्यश्रीजी म.सा. (आदि ठाणा) की विशेष उपस्थिति ने आयोजन की दिव्यता को और बढ़ा दिया। धर्मसभा का आयोजन श्रीमान रसिकलाल एम. धारीवाल स्थानक भवन में हुआ, जिसमें पुणे सहित देशभर से श्रद्धालु उपस्थित हुए।
इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यांक मंत्री दत्तात्रय भरणे, नेमीचंद चोपडा, आनंदमल छल्लानी, अविनाश चोरडिया, वालचंद संचेती, पारसमल छाजेड, बाबुशेठ बोरा, अभय छाजेड, ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ फेम खुश शाह, मोहनदादा जोशी व बाळासाहेब ओसवाल जैसे अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
इस संपूर्ण आयोजन को सफल बनाने में शोभाताई धारीवाल, पोपटलाल ओस्तवाल, माणिक दुगड़, रमेशलाल गुगळे, पन्नालाल पितळीया, अविनाश कोठारी, प्रवीण चोरबेले, कीर्तिराज दुगड, गणेश ओसवाल, लालचंद कर्नावट आदि ने सतत परिश्रम से आयोजन को भव्य रूप दिया।
साथ ही सत्य साधना महिला मंडल, श्रुत बहु मंडल, जय आत्मानंद ग्रुप व श्री तिलोक आनंद जैन पाठशाला के सेवाभावी सदस्यों का योगदान भी सराहनीय रहा।
