महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : देव, गुरु और धर्म हमारे जीवन में अग्रक्रम पर होने चाहिए। यह वास्तव में हमारे जीवन में हैं या नहीं, इसका आत्मपरीक्षण हर किसी को करना चाहिए और उन्हें ही अग्रक्रम पर लाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन प. पू. प्रवीणऋषिजी म. सा. ने किया।
प. पू. प्रवीणऋषिजी म. सा. ने कहा कि कुछ लोगों से मिलने के बाद मुझे अनुभव होता है कि वे लोग जीवन को एक अलग ही तरीके से जी सकते थे। हमें यह देखना चाहिए कि हमारे जीवन के प्राथमिकता क्रम और अग्रक्रम क्या हैं।
जो हैं, उनका पहले ईमानदारी से स्वीकार करना चाहिए और उसके बाद उन्हें बदलते हुए देव, धर्म और गुरु को ही अग्रस्थानी बनाना चाहिए। देव, धर्म और गुरु के प्रति हमारे मन में आस्था और श्रद्धा होती है, हमें वे अच्छे भी लगते हैं, लेकिन अक्सर वे अग्रक्रम पर नहीं होते।
हम धर्म का कितना कार्य करते हैं, किस प्रकार करते हैं, कितना समय उसमें लगाते हैं – यह उतना महत्त्वपूर्ण नहीं है, जितना यह कि धर्म हमारे जीवन में अग्रक्रम पर है या नहीं। हमारी यात्रा कहाँ जाएगी, यह यात्री नहीं बल्कि वाहन का चालक तय करता है। इसलिए जीवन में अग्रस्थानी कौन है, यही अंततः सबसे महत्त्वपूर्ण है।
सत्य को स्वीकार करना चाहिए। हम देव की प्रार्थना करते हैं, गुरु वंदना करते हैं, धर्मकार्य करते हैं, लेकिन यह देखना चाहिए कि क्या वास्तव में ये बातें हमारे जीवन के अग्रक्रम पर हैं। जिनके जीवन में धर्म अग्रस्थानी होता है, वे वास्तविक अर्थों में शक्तिशाली बनते हैं। हमें गर्व से यह कहना आना चाहिए कि – मेरा जीवन धर्म के लिए है।
हमें स्वयं से यह प्रश्न बार-बार पूछना चाहिए कि क्या धर्म का कार्य मेरे जीवन के अग्रक्रम पर है। जैन शासन हमारे जीवन के अग्रक्रम में आना चाहिए। इसलिए जीवन की प्राथमिकताएँ बदलनी होंगी। दिन की शुरुआत दान से करें, दिन की शुरुआत समर्पण से करें, तभी जीवन की दिशा बदल सकती है।
यदि देव, धर्म और गुरु अग्रस्थानी हो गए तो सम्पूर्ण जीवन की दिशा और भविष्य बदल सकता है। यदि गौतम निधि हमारे अग्रक्रम पर आई तो वह हमें एक अलग ही ऊँचाई तक पहुँचा सकती है। जब दस प्राण एकत्रित होते हैं तो एक विशेष शक्ति का निर्माण होता है।
मैंने स्वयं गौतम निधि पर ध्यान केंद्रित किया है, आपको भी करना चाहिए। आने वाले १४ दिनों में यदि सभी ने मन से गौतम निधि के लिए प्रयास किया तो शिखर महाकुंभ नामक उपक्रम अत्यंत सफल हो सकेगा।
