आदेश की प्रति जारी : वर्षों पुराना संकल्प हुआ साकार
महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : श्री सोनाना खेतलाजी जुनी धाम मंदिर के विकास को लेकर वर्षों से चल रहा पावन संकल्प अब साकार हो गया है। राजस्थान सरकार ने मंदिर के लिए 7 एकड़ भूमि के आवंटन को मंजूरी देते हुए इसकी आधिकारिक आदेश प्रति जारी कर दी है। इस आदेश के बाद मंदिर के विस्तारीकरण और भविष्य के भव्य विकास का मार्ग पूरी तरह प्रशस्त हो गया है।
समाजजनों में अत्यंत हर्ष, संतोष और उत्साह का वातावरण निर्माण हुआ है। भूमि आवंटन की इस ऐतिहासिक उपलब्धि में ओंकारमलजी भंडारी बापजी और रमेशजी ओसवाल बापजी के दिव्य आशीर्वाद, मार्गदर्शन और सहयोग का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा। इनके सतत संकल्प और आध्यात्मिक प्रेरणा के कारण ही यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण कार्य सुगमता से संपन्न हो पाया।
रमेशजी ओसवाल बापजी के शिष्य अमित मोदी ने आदेश प्रति मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि “यह संपूर्ण कार्य बापजी के आशीर्वाद से ही संभव हुआ है। यह मेरे जीवन का वर्षों पुराना सपना था, जो आज पूर्ण हुआ है।” उन्होंने उन सभी का हृदयपूर्वक आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस प्रक्रिया में भावनात्मक, प्रशासनिक और कार्यात्मक सहयोग प्रदान किया।
अमित मोदी ने राजस्थान सरकार और प्रशासन के सभी संबंधित अधिकारियों का नाम निरंतर प्रवाह में उल्लेख करते हुए कहा कि भूमि आवंटन की इस सफलता में राजस्थान के महसूल मंत्री हेमंत मीणा, प्रिंसिपल सेक्रेटरी दिनेश कुमार, डेप्युटी सेक्रेटरी रेवेन्यू बीर्दीचंद गंगवाल, पाली ज़िला कलेक्टर लक्ष्मीनारायण मंत्री, तथा अतिरिक्त कलेक्टर, पाली बजरंग चौहान इन सभी के सकारात्मक सहयोग, संवेदनशीलता और सक्रिय भूमिका के बिना संभव नहीं थी। इन सभी ने समय पर मार्गदर्शन, आवश्यक दिशा और प्रशासनिक समर्थन प्रदान किया, जिसके कारण भूमि आवंटन की प्रक्रिया बाधारहित पूर्ण हो सकी।
आदेश की प्रति जारी होने के साथ ही अब मंदिर विकास के आगामी चरणों—विस्तृत आराखा, निर्माण कार्य, सुविधाओं का विस्तार तथा भविष्य की दृष्टि से योजनाबद्ध ढांचे को औपचारिक रूप से शुरू किया जाएगा। यह कदम न केवल मंदिर के विकास की दिशा में एक नया अध्याय है, बल्कि समाज की एकजुट भावना और सामूहिक संकल्प का प्रतीक भी है।
अमित मोदी ने अंत में श्री सोनाना खेतलाजी महाराज के श्रीचरणों में प्रार्थना व्यक्त की कि “खेतलाजी महाराज की कृपा सदा हम सभी पर बनी रहे और मंदिर परिसर का दिव्य एवं भव्य विकास शीघ्र पूर्ण हो।”
















