श्वेता एसोशियन ने पुणे में किया ‘ कैनवस ऑफ नेचर ’ का २१ जून को आयोजन
महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : विटिलिगो से पीड़ित व्यक्तियों के लिए शहर स्थित श्वेता एसोशियन सहायता समूह ने इस स्थिति के बारे में नकारात्मक धारणाओं को चुनौती देने और अधिक समावेशी वातावरण को बढ़ावा देने के लिए फैशन शो का आयोजन किया है। 21 जून को शाम 5 बजे भंडारकर रोड पर पीवाईसी जिमखाना में यह फैशन शो हो रहा है।
इस अवसर पर इंडियन एक्ट्रेस देविका दफ्तरदार जो मराठी सिनेमा मैं काफी जाना पहचाना नाम है वह उपस्थित रहेगी। चैतन्य गोखले और चैताली नेहेते यह इस शो की कोरियोग्राफी कर नया मुकाम दे रहे है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विटिलिगो (सफेद दांग) को कॉस्मेटिक स्थिति के रूप में वर्गीकृत किया गया है, लेकिन समाज में प्रचलित कलंक के कारण व्यक्ति अक्सर मानसिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करते हैं, जिसमें चिंता, अवसाद और सामाजिक अलगाव शामिल हैं।
इस अवसर पर राकेश नाहर और राहुल शाह दोनो ने अपनी बात रखी है। ” राकेश नाहर 10 साल के थे जब उन्होंने अपने पहले सफेद दाग को देखा। आज, वह एक गर्वित और खुश विटिलिगो हैं, लेकिन उनके बचपन के दौरान ऐसा नहीं था। व
ह एक असहाय स्थिति में थे जहाँ उन्हें चुपचाप कलंकित किया जा रहा था पड़ोसियों के बच्चे मेरे साथ नहीं खेलते थे। काम पर, मुझे बहुत अस्वीकृति का सामना करना पड़ता है क्योंकि मेरे सहकर्मी मुझे कभी भी भोजन साझा करने के लिए आमंत्रित नहीं करते हैं।
मुझे कहा जाता था कि मैं समारोहों से दूर रहूँ क्योंकि मेरे रिश्तेदारों को डर था कि लोग सोचेंगे कि यह बीमारी परिवार में चलती है,” राकेश ने कहा, 10 साल पहले उन्होंने इस शर्म को भुला दिया और जागरूकता फैलाने के प्रयासों को समर्पित करने का फैसला किया।
उन्होंने मैट्रिमोनी के ज़रिए एकता से शादी की और फिर उनकी खूबसूरत यात्रा शुरू हुई। एकता और राकेश को टाइम्स ऑफ़ इंडिया (बैंगलोर संस्करण), जीवनसाथी सफल विवाह की कहानी में दिखाया गया था। अरुस फ़ाउंडेशन (मुंबई) के लिए विटिलिगो से संबंधित कई जागरूकता वीडियो बनाए गए और “ह्यूमन्स ऑफ़ बॉम्बे” पेज के लिए सबसे खूबसूरत वीडियो बनाया गया।
कई अंतरराष्ट्रीय प्लेटफ़ॉर्म जैसे “लिट्टी लिगो” “वर्ल्ड विटिलिगो” “यूनाइट फ़ॉर विटिलिगो” “जैन परम्परा” मुख्य रूप से वे अंतरराष्ट्रीय लेखक प्लेटफ़ॉर्म “द सीक्रेट – बाय रोंडा बर्न” वेबसाइट में शामिल हुए हैं। हाल ही में उन्होंने “डार्कलोर” नामक कॉस्मेटिक मेकअप ब्रांड के लिए काम किया है।
उन्हें डर्मामैट्रिमोनी डॉट कॉम के लिए ब्रांड एंबेसडर के रूप में चुना गया, जो एक वैवाहिक वेबसाइट है, जो विशेष रूप से विटिलिगो, सोरायसिस आदि जैसी किसी भी प्रकार की त्वचा की स्थिति वाले लोगों के लिए डिज़ाइन की गई है।
राहुल शहा (41) जो कराड से कपडे के व्यापारी है। उनका एज्युकेशन B.COM तक हुआ है। उनकी पत्नी का नाम प्रणिता राहुल शहा है, उसका एज्युकेशन P.B. BSC नर्सिंग हुआ है, और ओ गव्हर्मेंट हॉस्पिटल में स्टॉप नर्स का जॉब करती है, ये दोनो बहुत ही अच्छा मॅरीड लाईफ व्यतीत कर रहे है, ये दोनो को भी विटिलिगो है।
सफेद दांग के कारण ये दोनों ने अपने जीवन मे बहुत सी कठीण परिस्थिती का सामना किया है। समाज का इनके तरफ देखने का दृष्टिकोन हो, इस प्रॉब्लेम के वजह से उनको मानसिक लेव्हलपर बहुत बार परेशानिया का सामना करना पडा है।
ऐसे होते हुए भी उनकी मा बाप की अच्छी परवरिश और ए दोनो का जीवन के प्रति अपनाया हुआ सकारात्मक दृष्टिकोन की वजह से ये आज यहा तक आये हुए है। विटीलिगो ने लाईफ मे इनको जितने कष्ट दिये उतनाही उन कष्टोंने लढणे का जजबा भी दिया।
उम्मीद की एक नई किरण भी दी और जीवन के राह पर आत्मविश्वासपूर्वक आगे बढने का रास्ता भी दिखाया। श्वेता असोसिएशन ने जो एक फॅशन शो अभी ऑर्गनाईज किया है। इसमे ये दोनो पति पत्नी सम्मिलित हुए है। उनका कहना है कि, श्वेता असोसिएशन द्वारा उनको बहुत ही अच्छा प्लॅटफॉर्म दिया गया है।
जिससे हम दुनिया को बता सकते है हा हम भी कुछ कम नही है। श्वेता असोसिएशन का ये प्रयास बहुत ही सराहणीय और प्रेरणादायी है। डॉ. माया तुळपुळे ने इस क्षेत्र में विटिलिगो कम्युनिटी के लिए जो काम किया है वो काबिले तारीफ है।
ओ हर बार एक नया प्रयास करके विटिलिगो कम्युनिटी को जीवन में खुद को अलग अलग क्षेत्र मे नई-नई उंचाई देने का काम कर रही है। राहुल शहा ने आगे बोलते हुए कहा की, आज आपके माध्यम से और इस विटिलिगो फॅशन शो के अवसर पर मै आप सभी लोगों को अपील करता हूं कि, आप विटिलिगो पीपल को और उनकी तकलीपों को आप संवेदना, प्यार और उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोन रखने की मै आप सबसे प्रार्थना करते है।
आयोजकों ने कहा कि इससे निपटने के लिए श्वेता एसोसिएशन द्वारा आयोजित पहल में विटिलिगो से पीड़ित 23 पुरुष और महिलाएं रैंप पर चलेंगे और “गर्व के साथ अपने पैच पहनेंगे”। ‘कैनवस ऑफ नेचर’ शीर्षक वाला यह कार्यक्रम 21 जून को शाम 5 बजे भंडारकर रोड पर पीवाईसी जिमखाना में आयोजित किया जाएगा। एसोसिएशन की संस्थापक डॉ. माया तुलपुले ने इस बात पर जोर दिया कि विटिलिगो संक्रामक नहीं है और इलाज की कमी के बावजूद यह किसी के स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करता है। उन्होंने महाराष्ट्र जैन वार्ता को बताया, “विटिलिगो से जुड़ा सामाजिक कलंक अस्वीकृति, अवसरों की हानि और अलगाव की ओर ले जाता है। यह मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करता है, कई लोग दूसरों द्वारा शर्म के कारण अपनी जान लेने का सहारा लेते हैं। हम समाज में बेहतर अनुकूलन को प्रोत्साहित करने के लिए आत्म-स्वीकृति को प्रोत्साहित करने के लिए गतिविधियाँ आयोजित करते हैं।