महाराष्ट्र जैन वार्ता
राजसमंद : मुनि रविंद्र कुमार व मुनि अतुल कुमार के सानिध्य में महेंद्र कोठारी अपेक्स के नवनिर्मित ‘समृद्धि पैलेस’ पर आध्यात्मिक प्रवचन हुआ। मुनि अतुल कुमार ने कहा हर इंसान का सपना होता है कि उसका एक अपना घर हो, जिसमें वह अपने परिवार के साथ सुख-शांति से रहे।
घर सिर्फ ईंट और पत्थरों से नहीं बनता बल्कि प्यार, ममता, अपनापन, लगाव जिसकी चार दीवारें होनी चाहिए। उसमें आदर और तमीज जैसे खंभे होने चाहिए। संस्कार रूपी जिसकी छत हो, वहीं घर है।
ऐसे ही घर में समृद्धि निवास करती है, बरकत होती है। जिस घर में प्रेम होता है, उस घर में सफलता और समृद्धि स्वयं चलकर आते हैं। हर इंसान सपनों का आशियाना बनाने के लिए पुरजोर श्रम भी करता है।
मुनि ने कहा मकान बनाने और घर बनाने में अंतर होता है। मकान तो ईंट, पत्थर, मिट्टी, सीमेंट से मिस्त्री द्वारा बनाया जाता है। लेकिन महिलाओं में एक मकान को सहेज कर और सजा कर घर बनाने की कला होती है।
घर वही है जहां एक खुशाल परिवार है। घर को घर बनाने में स्त्रियों की अहम भूमिका होती है। जिस घर में स्त्रियां नहीं होती वह घर-घर नहीं बल्कि केवल ईंटों का एक मकान ही कहलाता है। वह थोड़े से पैसे से ही अपने घर को अच्छे से चलाना जानती हैं।
स्त्रियां कभी भी अपने घर की किसी कमी को बाहर किसी को महसूस नहीं होने देती। उसका हर समय दिमाग अपने घर को स्वर्ग बनाने में ही रहता है। घर के सभी सदस्यों को एक तार में पिरोने का काम करती हैं।
जिस घर में स्त्रियां नहीं होती वह घर-घर नहीं वह तो नर्क के समान होता है। स्त्री ही घर को धर्म संस्कार और मर्यादा के अनुसार बना सकती है। मुनि रविंद्रकुमार ने मंगल पाठ सुनाया। महेंद्र कोठारी अपेक्स ने मुनियों का आभार ज्ञापित किया। इस दौरान तनसुख बोहरा, रोशनलाल बाफना, रत्ना कोठारी सहित अच्छी संख्या में लोग मौजूद रहे।
