25 वर्ष की आयु में महिमा 19 अप्रैल को लेंगी जैन दीक्षा
महाराष्ट्र जैन वार्ता
जामनेर : हिंगोणा (ता. यावल) के प्रतिष्ठित व्यापारी चंपालाल और निर्मलाबाई की नातिन, एवं प्रदीप तथा सुनीता बोरा की सुपुत्री महिमा प्रदीप बोरा ने जीवन के समस्त भौतिक सुखों का त्याग करते हुए मोक्षमार्ग को अपनाने का निश्चय किया है। इंटीरियर डिज़ाइन की शिक्षा प्राप्त कर चुकी महिमा मात्र 25 वर्ष की उम्र में सांसारिक जीवन का त्याग कर रही हैं। बाल ब्रह्मचारिणी महिमा ने संसार के सभी सुखों को त्याग कर आत्ममोक्ष की दिशा में कदम बढ़ाया है।
19 अप्रैल को बुलढाणा में महिमा जैन धर्मशास्त्रानुसार दीक्षा लेंगी। इस दीक्षा समारोह में महिमा समेत अन्य मुमुक्षु भी दीक्षा ग्रहण करेंगे। यह दीक्षा पूज्यश्री कानमुनिजी म. सा., पूज्य गुलाबमुनिजी म. सा. के शिष्य पूज्य पंकजमुनिजी म. सा. के मुखारविंद से संपन्न होगी।
जब दूसरों के घरों का डिज़ाइन कर रही थीं, तब खुद के जीवन की रचना कर ली –
महिमा एक पेशेवर इंटीरियर डिज़ाइनर हैं। जब वह दूसरों के घरों को सुंदर, स्वच्छ और पवित्र बनाने के लिए डिज़ाइन करती थीं, तभी उनके मन में वैराग्य की भावना अंकुरित हो रही थी। 2021 में पहूर गांव में समर्पिताजी म.सा. के चातुर्मास के दौरान जब उन्होंने प्रवचन सुने, तो जीवन के असारत्व का ज्ञान हुआ। तभी से वे गुरु महाराज के सान्निध्य में रहकर धर्म की शिक्षा ग्रहण कर रही थीं और अब उन्होंने दीक्षा लेने का दृढ़ निश्चय कर लिया है।
बहन को बनाया प्रेरणा स्त्रोत –
हिंगोणा जैसे छोटे गांव में जैन समाज के मात्र चार ही परिवार हैं, जो चार भाइयों के हैं। बीस वर्ष पूर्व इसी गांव की लालीमाश्रीजी म.सा., जो महिमा की बहन हैं, ने 24 वर्ष की उम्र में दीक्षा ली थी। वे आज समर्पिताजी म.सा. के साथ ‘आदि ठाणा चार’ में सेवा कर रही हैं। महिमा ने उन्हीं के आदर्शों को अपनाते हुए यह महान निर्णय लिया है।
सोशल मीडिया के युग में संयमित जीवन की ओर –
आज जब पूरा समाज फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे माध्यमों में उलझा हुआ है, महिमा ने इन सभी से दूर रहकर संयम और साधना का मार्ग चुना है। उनके इस साहसिक निर्णय की हर ओर सराहना हो रही है।
भाई प्रसून भावुक –
महिमा का एक छोटा-सा परिवार है—माता-पिता, दादा-दादी और एक भाई प्रसून। दीक्षा लेने पर जहां एक ओर खुशी है, वहीं दूसरी ओर रक्षाबंधन जैसे त्योहारों पर बहन की अनुपस्थिति का दुख भी मन को व्यथित कर रहा है। लेकिन महिमा का यह निर्णय पूरे परिवार के लिए गर्व का विषय बन गया है।
