भव्य वरघोड़ा, भक्ति, संस्कार और सत्संग से गूंजा आनंद दरबार परिसर
महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : महाराष्ट्र की पुण्यभूमि, जिसे संतों की भूमि कहा जाता है, आज एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी जब ‘आगम पर्व 2025’ के अंतर्गत पुणे के कात्रज दत्तनगर स्थित आनंद दरबार में पूज्य साध्वीवृंदों का चातुर्मास प्रवेश अत्यंत श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ।
इस पावन चातुर्मास में वात्सल्य मूर्ति प. पू. श्री इन्दुप्रभाजी म. सा, मधुरवाणी प. पू. दर्शनप्रभाजी म. सा., आगम रसिका प. पू. समीक्षाप्रभाजी म. सा., सेवाभावी प. पू. दीप्तीप्रभाजी म. सा., विद्यामिलासी प. पू. हिरलप्रभाजी म. सा. आदि ठाणा ५ इनका चातुर्मास प्रवेश संपन्न हुआ। इस समय प. पू. मुकेशमुनिजी म. सा. तथा प. पू. हरीशमुनिजी म. सा. भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस वर्ष चातुर्मास को ‘आगम पर्व 2025’ नाम दिया गया है। प. पू. श्री इन्दुप्रभाजी म. सा. द्वारा भगवान महावीर स्वामी की अंतिम देशना ‘उत्तराध्ययन सूत्र’ पर गहन अध्ययन किया गया है, और उनकी मधुरवाणी में उस ज्ञान का अनुपम संचार सुनने को मिलेगा।
आज भारती विद्यापीठ से आनंद दरबार तक भव्य वरघोड़ा निकाला गया, जिसमें पारंपरिक वेशभूषा में सजे हुए जैन एवं अजैन श्रद्धालु भारी संख्या में सहभागी हुए। ढोल-ताशा और लेझीम की गूंज के बीच साध्वीवृंदों का उत्साहवर्धक स्वागत आनंद दरबार परिसर में किया गया।
इस अवसर पर श्रीमती सुमनताई हनमंतराव देशमुख सांस्कृतिक भवन का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन के पुण्य अवसर पर दानशूर व्यक्तित्व प्रकाश धारिवाल, वालचंद संचेती, सुनील पारख, राजश्री पारख, अनिल नाहर, नितिन चोरड़िया, सुमतिलाल लोढ़ा, फूलचंद बाठीया, मदनलाल बलदोटा, प्रकाश बोरा, दत्तात्रय देशमुख, दिलीप रायसोनी, पोपटलाल ओस्तवाल, गणेश ओस्तवाल और अशोक सालेचा जैसे अनेक गणमान्य अतिथि मंचासीन रहे।
प्रकाश धारिवाल ने अपने भाषण में देशमुख परिवार की प्रशंसा करते हुए कहा कि “सांस्कृतिक भवन को माता-पिता के नाम से समर्पित कर उन्होंने अपने कुल का गौरव बढ़ाया है।” आनंद दरबार के अध्यक्ष बाळासाहेब धोका ने उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए सेवाभावी गतिविधियों की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की।
आभार प्रदर्शन चातुर्मास समिति अध्यक्ष उमेदमल धोका इन्होने किया। कार्यक्रम की सफलता में जैन श्रावक संघ, आनंद दरबार महिला मंडल, बहु मंडल और सभी सेवाभावी कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। आज कि गौतम प्रसादी का लाभ आनंदीबाई रतनचंदाजी धोका परिवार इन्होने लिया।
