पुणे में राजस्थान फाउंडेशन का पदग्रहण समारोह : नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंहजी खर्रा का आह्वान
महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : “जहाँ न जाए बैलगाड़ी, वहाँ जाए मारवाड़ी” इस कहावत के अनुरूप मारवाड़ी समाज मेहनती और ईमानदार है, यह सिद्ध हो चुका है। इन्हीं मेहनत और ईमानदारी के बल पर राजस्थान से महाराष्ट्र आकर समाज ने अपनी पहचान बनाई है। किंतु अब महाराष्ट्र में बस चुके राजस्थानी बंधुओं को अपनी जन्मभूमि से गहरा जुड़ाव बनाए रखना चाहिए, ऐसा आह्वान राजस्थान के नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने किया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता तथा राजस्थान सरकार के अधीन कार्यरत राजस्थान फाउंडेशन के पुणे प्रभाग का पदग्रहण समारोह एवं प्रवासी संवाद पुणे में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को सेवा और सहयोग की शपथ दिलाई।
इस मौके पर मंच पर राजस्थान फाउंडेशन पुणे प्रभाग के अध्यक्ष मंगलचंद चौधरी, उपाध्यक्ष राजेंद्र बाठिया, सचिव रमेश कासट, गोसेवा आयोग के अध्यक्ष शेखर मुंदड़ा, राजस्थान फाउंडेशन की आयुक्त डॉ. मनीषा अरोड़ा, वीणा म्यूजिक के संस्थापक एवं राजस्थान रत्न के.सी. मालू, पुरुषोत्तम लोहिया, राजेंद्र दाधीच, जय जिनेंद्र प्रतिष्ठान के अध्यक्ष आचल जैन, वरिष्ठ विधिज्ञ एड. एस. के. जैन तथा उद्योगपति राजकुमार चोरडिया उपस्थित थे। वहीं राजस्थान के सांसद पी.पी. चौधरी ने वर्चुअल माध्यम से संबोधन किया।
मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देखे गए स्वावलंबी और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में राजस्थान और समाजबंधुओं का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। महाराष्ट्र में बसे राजस्थानी बंधु-भगिनियों के लिए राजस्थान सरकार हर स्तर पर सहयोग कर रही है और पुणे में राजस्थान भवन बनाने की योजना है।”
शेखर मुंदड़ा ने अपने उद्बोधन में राजस्थानी समाज की एकजुटता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “पुणे में 10 लाख से अधिक राजस्थानी परिवार बसे हुए हैं। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए राजस्थान फाउंडेशन का कार्यालय आवश्यक है। गोसेवा के माध्यम से 1050 गौशालाएँ चलाई जा रही हैं, जिनमें से 800 गौशालाएँ राजस्थानी समाज के प्रयासों से संचालित हैं।”
डॉ. मनीषा अरोड़ा ने राजस्थान सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर के. सी. मालू और एड. एस. के. जैन ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का प्रास्ताविक अध्यक्ष मंगलचंद चौधरी ने किया, जबकि उपाध्यक्ष राजेंद्र बाठिया ने प्रभाग शुरू करने के उद्देश्य को स्पष्ट किया। संचालन ओम चौधरी और डॉ. रविंद्र मिनियार ने किया तथा आभार सचिव रमेश कासट ने माना।
