पुणे में संतों की प्रेरणा से अनोखी पहल, 40 हज़ार से अधिक लोगों ने लिया संकल्प
महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : उपाध्याय प्रवर श्री प्रवीणऋषिजी म.सा. (आदि ठाणा-2), दक्षिणज्योति प.पू. श्री आदर्शज्योतिजी म.सा. (आदि ठाणा-3) तथा जिनशासन गौरव प.पू. श्री सुनंदाजी म.सा. (आदि ठाणा-6) सहित सभी संतों के पावन सान्निध्य और मंगल आशीर्वाद में मरणोत्तर नेत्रदान का विशेष अभियान पुणे में प्रारंभ किया गया।
इस अवसर पर एशियन आई हॉस्पिटल के प्रमुख डॉ. प्रकाश कांकरिया, डॉ. सुधा कांकरिया, डॉ. वर्धमान कांकरिया, जैन कॉन्फ्रेंस महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष विमल बाफना तथा प्रसिद्ध उद्योगपति सुदर्शन बाफना उपस्थित रहे।
अब तक लगभग 40 हज़ार नागरिकों ने मरणोत्तर नेत्रदान का फॉर्म भरकर संकल्प लिया है, जिनके माध्यम से अब तक 5 हज़ार से अधिक व्यक्तियों को नई दृष्टि प्रदान की जा चुकी है। जैन समाज इस पुनीत कार्य में निरंतर अग्रणी रहा है और समय-समय पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा नेत्रदान शिविर आयोजित किए जाते रहे हैं। एशियन आई हॉस्पिटल ने भी कई सफल नेत्र प्रत्यारोपण शल्यक्रियाएँ कर अनेक नागरिकों को दृष्टिदान प्रदान किया है।
आदिनाथ संघ के अध्यक्ष अनिल नाहर, चातुर्मास कमिटी के अध्यक्ष सुनील नाहर तथा स्वागत अध्यक्ष राजश्री पारख ने समाज के अधिक से अधिक नागरिकों से फॉर्म भरकर मरणोत्तर नेत्रदान का संकल्प लेने का आव्हान किया।
“नेत्रदान ही एक ऐसा दान है, जो मृत्यु के बाद भी दो लोगों को नया जीवन और नई दृष्टि दे सकता है। हर नागरिक को यह संकल्प अवश्य लेना चाहिए।” – डॉ. वर्धमान कांकरिया, एशियन आई हॉस्पिटल
“समाज में जागरूकता बढ़ रही है। नेत्रदान का संकल्प लेने वाले हर व्यक्ति की वजह से अंधकारमय जीवन जी रहे किसी परिवार में प्रकाश फैल सकता है।” – विमल बाफना, अध्यक्ष, जैन कॉन्फ्रेंस महिला प्रकोष्ठ
अब तक भरे गए फॉर्म – 40,000+
नई दृष्टि पाने वाले नागरिक – 5,000+
प्रमुख सहयोगी संस्था – एशियन आई हॉस्पिटल, पुणे
मुख्य कार्यकर्ता – डॉ. प्रकाश कांकरिया, डॉ. वर्धमान कांकरिया
सामाजिक सहयोग – जैन समाज एवं विभिन्न धार्मिक-सामाजिक संस्थाएँ
आव्हान – “हर नागरिक मरणोत्तर नेत्रदान का संकल्प ले”
