महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : परिवर्तन चातुर्मास 2025 के तहत पुणे के कल्याणी नगर स्थित वैशाली हेमंत धोका द्वारा की गई 30 दिवसीय मास्खमन तपस्या का भव्य समापन गुरुवार, 18 सितंबर 2025 को पंचकवाणी के साथ सम्पन्न हुआ।
इस पावन अवसर पर प. पू. उपाध्याय प्रवर श्री प्रवीणऋषिजी म. सा. की मंगल उपस्थिति में संपूर्ण विधि-विधान के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। वैशाली की इस अद्भुत तपश्चर्या ने जैन समाज में आध्यात्मिक जागरण और प्रेरणा का नया संदेश दिया, जिससे पुणे सहित पूरे क्षेत्र में श्रद्धा और उत्साह का वातावरण बना।
समारोह में अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति से आयोजन की शोभा बढ़ाई, जिनमें पारस मोदी, अविनाश चोरडिया, सुनील नाहर, अनिल नाहर, विमल बाफना, सुरेंद्र संचेती, प्रमोद दुगड, अशोक भंडारी, सोहनला भंडारी, सतीश सुराणा और चंद्रकांत धोका प्रमुख रूप से शामिल रहे।
इन सभी की गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम का वैभव और भी बढ़ गया। पुणे के अनेक श्रावक-श्राविकाओं और सामाजिक मंडलों ने इस दिव्य अवसर पर उपस्थित होकर तपोमंगल के साक्षी बनने का सौभाग्य प्राप्त किया और वैशाली की कठिन साधना से प्रेरणा लेकर आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने का संकल्प लिया।
