उपाध्याय प्रवर प. पु. प्रवीणऋषिजी म. सा. के सानिध्य में भव्य आयोजन
महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : जैन समाज की एकता और सामूहिक शक्ति का अद्भुत प्रतीक बना गौतम लब्धि कलश अनुष्ठान व शिखर महाकुंभ वर्धमान सांस्कृतिक भवन में उपाध्याय प्रवर प. पु. प्रवीणऋषिजी म. सा. के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ।
रविवार 21 सितम्बर को सुबह 8 बजे नवकारसी एवं मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। गौतम लब्धि का संकल्प “हर जैन परिवार को संस्कार, शिक्षा और सेवा के माध्यम से सशक्त एवं सक्षम बनाना” केंद्र में रखते हुए पूरे दिन विविध धार्मिक क्रियाएँ, प्रवचन और सामूहिक प्रार्थनाएँ संपन्न हुईं।
कलश धारकों के लिए विशेष लकी ड्रॉ आकर्षण का केंद्र रहा, जिसमें 20 ग्राम चाँदी के 51 सिक्के पुरस्कारस्वरूप दिए गए तथा प्रथम विजेता को ALGOPLUS का ऑल-इन-वन कंप्यूटर भेंट किया गया। कार्यक्रम के अंत में श्रद्धालुओं ने गौतम प्रसादी का लाभ लिया।
समाज के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने इस भव्य आयोजन में सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई। प्रमुख उपस्थितियों में विजयकांत कोठारी, राजकुमार चोरडिया, इंद्रकुमार छाजेड, चातुर्मास समिति स्वागताध्यक्षा राजश्री पारख, सचिन नाहर, किरण बोरा, सुरेंद्र संचेती, रवींद्र दुगड़, महावीर नाहर, राजेंद्र मुनोत, राजेश नाहर, राजेंद्र मुथा, तथा कार्यक्रम का सूत्रसंचालन अमित लोढा इन्होंने किया।
“गौतम लब्धि महाकुंभ हमें अपने मूल्यों और संस्कृति से जुड़ने का अद्भुत अवसर देता है। यह आयोजन समाज को शिक्षा, सेवा और संस्कार के मार्ग पर अग्रसर करने वाला प्रेरक संकल्प है।” – अनिल नहार
“यह आयोजन हमें याद दिलाता है कि जब समाज मिलकर संकल्प लेता है तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं रहता। गौतम लब्धि हमारी एकता और आत्मविश्वास का जीवंत प्रमाण है।” – इंद्रकुमार छाजेड़
“यह महाकुंभ हमारे सामूहिक संकल्प का प्रतीक है। जब हर जैन परिवार संस्कार और शिक्षा का दीप प्रज्वलित करेगा, तब समाज की वास्तविक शक्ति प्रकट होगी।” – राजेंद्र मुनोत
“गौतम लब्धि केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जैन समाज को शिक्षा, संस्कार और सेवा से सशक्त बनाने का दूरदर्शी अभियान है। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए नई दिशा तय करेगा।” – राजेंद्र मुथा
गौतम लब्धि हमें एकजुट कर परंपरा और प्रगति के संगम का मार्ग दिखाती है। यह आयोजन समाज के लिए प्रेरणा और आत्मबल का स्रोत बनेगा।” – पवन भंडारी
“समाज के उत्थान के लिए शिक्षा और सेवा का संगम आवश्यक है। गौतम लब्धि का यह संकल्प हर जैन को जिम्मेदारी और गौरव का अहसास कराता है।” – दिलीप कटारिया
