महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : कल का दिन एक ऐतिहासिक दिन था, जब पुणेकरों ने एक साथ सव्वा करोड़ नवकार महामंत्रों का अनुष्ठान किया। “यह नवकार महामंत्र विश्वमंत्र बने,” ऐसा प्रतिपादन प. पू. प्रवीणऋषिजी म. सा. ने किया। उन्होंने कहा, “नवकार महामंत्र की ध्वनि-तरंगों से आपका तन, मन और चेतना सब कुछ स्पंदित हो उठा है। कल का यह समारोह अनोखा था, और ऐसा भव्य आयोजन केवल पुणे में ही संभव हो सकता है।”
परिवर्तन चातुर्मास 2025 के अंतर्गत, 20 जुलाई को हजारों जैन परिवारों ने एक साथ नवकार महामंत्र का अनुष्ठान किया और सव्वा करोड़ महामंत्रों का उच्चारण करके इतिहास रच दिया। इस बारे में परमानंद व्यक्त करते हुए प. पू. प्रवीणऋषिजी म. सा. ने कहा, “ऐसा भव्य कार्य केवल पुणे ही कर सकता है।
जो श्रद्धा आपने प्रकट की है, वह वैश्विक श्रद्धा बने। यदि हमें इस विश्व को नंदनवन बनाना है, तो नवकार महामंत्र ही एकमात्र उपाय है।” प. पू. प्रवीणऋषिजी म. सा. ने आगे कहा, “दुनिया के सारे विवाद व्यक्ति-केंद्रित होते हैं, लेकिन नवकार महामंत्र ऐसा महामंत्र है, जिसमें किसी व्यक्ति की चर्चा ही नहीं है।
इसमें गुणों और गुणात्मकता की चर्चा है, संप्रदाय या परंपरा की कोई बात नहीं है। यह मंत्र विश्वकल्याण की भावना से ओतप्रोत है। इसलिए गुरुदेव जन्मोत्सव का यह अनोखा अनुष्ठान संपन्न हुआ, इसका मुझे अत्यंत आनंद है।”
उन्होंने कहा, “हमें जिन्हें श्रेष्ठ बनते देखना है, उन अरिहंतों को वंदन करें। जो सिद्धि का वरदान देते हैं, उन सिद्धों को अभिवादन करें। जो मंगलमयी जीवनशैली सिखाते हैं, उन आचार्यों को नमन करें। जो विश्वकल्याणकारी तत्वों की समझ देते हैं, उन उपाध्याय भगवंतों को वंदन करें।”
इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए प. पू. प्रवीणऋषिजी म. सा. ने पुणा गौतमलब्धि फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं और आदिनाथ सोसायटी श्रावक संघ के सभी पदाधिकारियों को बधाई दी।
