1 करोड़ 25 लाख नवकार जाप व 2100 से अधिक अठाई तपों का ऐतिहासिक आयोजन
महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : पुणे शहर इस वर्ष एक ऐतिहासिक और दिव्य आध्यात्मिक पर्व का साक्षी बन रहा है। परम पूज्य उपाध्याय प्रवर, अर्हम विज्जा प्रणेता प्रवीण ऋषिजी म.सा. और मधुर गायन सम्राट पूज्य तीर्थेष ऋषिजी म.सा. के सान्निध्य में हो रहा परिवर्तन चातुर्मास 2025 न भूतो न भविष्यति के रूप में प्रतिष्ठित हो चुका है।
इस संपूर्ण चातुर्मास के कुशल संचालन में आयोजकगणों का योगदान अमूल्य रहा है। तन-मन-धन से समर्पित यह सेवा चातुर्मास को अध्यात्मिक पर्व की ऊँचाइयों तक ले गई है।
ये सभी प्रतिष्ठित उद्योगपति होते हुए भी चातुर्मास आयोजन में अपना बहुमूल्य समय व योगदान दे रहे हैं, जो अत्यंत सराहनीय एवं प्रेरणादायक है।
यह जानकारी श्री सुभाष ललवाणी, अध्यक्ष जैन श्रावक संघ, निगड़ी-आकुर्डी, पुणे द्वारा प्रदान की गई है।
इस चातुर्मास की विशेषताएं अपने आप में अनुपम हैं –
- 1 करोड़ 25 लाख नवकार महामंत्र जाप
- आचार्य भगवंत की 126वीं जयंती के पावन अवसर पर 2100 से अधिक अठाई तप का अनुशासित आयोजन
- प्रत्येक आयोजन में स्वयं उपाध्याय प्रवर की गहन निगरानी व सहभागिता
- देशभर से आए हजारों श्रद्धालुओं को दर्शन व मंगलपाठ का लाभ
- ऋषिजी की प्रतिदिन सूर्योदय पूर्व और सूर्यास्तोपरांत अखंड जाप साधना – अनुकरणीय और प्रेरणादायी
- विविध शिबिरों का समयबद्ध और नियमित आयोजन
प्रमुख आयोजकगणों में सम्मिलित हैं –
- श्री अनिलजी नहार – अध्यक्ष, आदिनाथ श्री संघ
- श्री सुनीलजी नहार – अध्यक्ष, चातुर्मास समिति
- सौ. राजश्रीजी पारख – स्वागत अध्यक्ष चातुर्मास समिती
- श्री प्रमोदजी रांका – प्रमुख, चातुर्मास भोजन समिति
- श्री राजेंद्रजी मुथा (सुखी परिवार) – लाभार्थी, अठाई पारणा महोत्सव
