10 अगस्त को वर्धमान सांस्कृतिक केंद्र में पहुंचेगी पालखी
महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : चिचोंडी स्थित आनंद तीर्थ में स्थायी रूप से स्थापित की जाने वाली पूज्य आचार्य सम्राट आनंदऋषिजी म.सा. की ऐतिहासिक पालखी का भव्य आगमन आगामी 10 अगस्त को वर्धमान सांस्कृतिक केंद्र, गंगाधाम – शत्रुंजय मंदिर रोड पर होगा।
झुंबरलालजी बाफना परिवार के सदस्य कांतिलालजी, विजयराजजी, अभयराजजी, अशोकजी, सुदर्शनजी, ऐवंताजी बाफना परिवार के सदस्य द्वार गुरुदेव के लिए पालखी बनने का निश्चित किया गया। एक सुंदर पालखी का निर्माण करने की जिमेदारी सुदर्शनजी बाफना इन पर दी गई।
पैदल विहार करना संभव न होने की स्थिति में यह पालखी संतों द्वारा कंधे पर उठाकर, आचार्यश्री की सेवा हेतु उपयोग में लाई जाती थी। प्रारंभिक पालखी भारी होने के कारण संतों को कठिनाई होती थी, इसलिए सुदर्शनजी बाफना ने दूसरी, हल्की पालखी भी अर्पण की थी।
कालांतर में जब आचार्य सम्राट आनंदऋषिजी म.सा. ने पालखी का उपयोग बंद किया, तब यह पालखी श्रीरामपुर स्थित बाफना परिवार द्वारा सुरक्षित रखी गई। अब इस पालखी का जीर्णोद्धार कर उसे आनंद तीर्थ, चिचोंडी में सभी श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु स्थापित किया जाएगा।
इस पालखी का आगमन 10 अगस्त की सुबह 10 बजे वर्धमान सांस्कृतिक केंद्र में होगा, जहां यह परिवर्तन चातुर्मास 2025 के समापन तक दर्शनार्थ रखी जाएगी। तत्पश्चात बाफना परिवार यह पालखी परिवर्तन चातुर्मास कमिटी और आनंद तीर्थ फाउंडेशन के पदाधिकारियों को विधिवत रूप से सौंपेगा।
यह ऐतिहासिक अवसर प. पू. प्रवीणऋषिजी म.सा. की पावन उपस्थिति में सम्पन्न होगा। बाफना परिवार, परिवर्तन चातुर्मास कमिटी व आनंद तीर्थ फाउंडेशन के समस्त पदाधिकारियों ने इस विशेष कार्यक्रम में अधिकाधिक संख्या में उपस्थित होकर पालखी दर्शन का लाभ लेने का भावुक आह्वान किया है।
