महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : परिवर्तन चातुर्मास 2025 के अंतर्गत, श्री आदिनाथ स्थानकवासी जैन भवन ट्रस्ट और उपाध्याय श्री प्रवीणऋषिजी चातुर्मास समिति के सौजन्य से रक्षाबंधन का पावन कार्यक्रम आज सुबह 9 बजे अत्यंत धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में परम पूज्य उपाध्याय श्री प्रवीणऋषिजी म.सा., दक्षिणज्योति डॉ. आदर्शज्योति म.सा. और जिनशासन गौरव श्री सुनंदाजी म.सा. का पावन सान्निध्य रहा। गुरुदेव ने अपने प्रवचन में कहा कि रक्षाबंधन केवल एक त्यौहार नहीं, बल्कि प्रेम, विश्वास और संरक्षण का प्रतीक है। भाई-बहन का यह बंधन समाज में सहयोग, सुरक्षा और नैतिकता की भावना को मजबूत करता है।
लुंकड़ परिवार के सहयोग से बहनों को दी गई विशेष भेंट संघ की ओर से सभी बहनों को विशेष भेंट प्रदान की गई और लकी ड्रा का आयोजन भी हुआ। कार्यक्रम का संचालन विधिपूर्वक और भक्ति-भाव से संपन्न हुआ।
“संघ के सान्निध्य में रक्षाबंधन जैसे पावन पर्व पर सेवाभाव से जुड़ना, हमारे लिए सौभाग्य की बात है।” – रमणलालजी लुंकड
“रक्षाबंधन हमें यह संदेश देता है कि रिश्तों में प्रेम और जिम्मेदारी सबसे बड़ा आभूषण है।” – सचिन नहार
“ऐसे धार्मिक आयोजनों से समाज में एकता, संस्कृति और नैतिक मूल्यों का संरक्षण होता है।” – संजय सांकला
