गुरुजनों का सान्निध्य और साधकों की तपश्चर्या से गूँजा पूरा नगर
महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : बारामती जैन समाज द्वारा आयोजित सिद्धितप आराधना कार्यक्रम 2025 महान संतों के सान्निध्य और साधकों की कठिन तपस्या के साथ अत्यंत भव्यता से सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर आचार्य श्री आनंदसागर सूरि महाराज, प. पू. गुरुवर्या सूर्योदयाश्रीजी मा. सा., प.पू. सुविनयाश्रीजी मा.सा. (दादी मा.सा.), प. पू. रत्नज्योतिश्री जी मा. सा., प. पू. नरदेवसागर सूरि महाराज, प. पू . जितरत्नसागर सूरि महाराज, प. पू. सूर्योदयाश्रीजी मा. सा., प. पू. कल्पज्योतिश्रीजी मा. सा. तथा प्रखर व्याख्यात्री प. पू. शासनज्योतिश्रीजी मा. सा. की पावन उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष गरिमा प्रदान की।
सिद्धितप आराधना पूर्ण करने वाले साधकों में सम्यक चेतन दोशी, हित निखिल मुथा, संयम अतुल दोशी, भारत सुभाष सुंदेचा मुथा, अतुल शांतीलाल दोशी, पलक हेमंतकुमार दोशी, खुशी सचिन बोरा, जिनाली राजु भंडारी, स्विटी नितीन ओसवाल, डॉ. सलोनी किशोर दोशी, संयमी किशोरकुमार दोशी, मोनिका शुभम ओसवाल, विरती तेजस दोशी, अंकिता समकीत मुथा, खुशाली राजेश ओसवाल, शिल्पा अशोक ओसवाल, प्रगती भारत सुंदेचा मुथा, राखी स्वप्निल सुंदेचा मुधा, रेश्मा संजय मुथा, काश्मीरा किर्तीकुमार दोशी, प्रिती संदीप दोशी, गीता राजु ओसवाल, क्षमा परेशभाई शाह, रूपल किशोरकुमार दोशी, भारती राजेंद्र मुथा तथा रुपा प्रशांतभाई शाह का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा। इन सभी ने अपनी कठोर तपस्या पूर्ण कर समाज को प्रेरणादायी संदेश दिया।
सिद्धितप जैन परंपरा का अत्यंत कठिन और महत्त्वपूर्ण तप है। साधकों ने इस उपवास आराधना को पूरा कर आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उत्थान का संदेश दिया। उपवास, ध्यान और स्वाध्याय के माध्यम से साधकों ने अपनी साधना पूरी की और श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के दौरान प्रवचन, भजन, वंदना और सामूहिक प्रार्थना का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। महिलाओं और युवाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई, जिससे वातावरण में धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ।
समापन अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने साधकों का अभिनंदन करते हुए उनकी तपस्या को वंदन किया और समाज से आह्वान किया कि ऐसे धार्मिक उपक्रमों से सभी को प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए। इस प्रकार सिद्धितप आराधना कार्यक्रम ने बारामती नगर जैन समाज में एकता, भक्ति और आध्यात्मिक उत्थान का अमिट संदेश प्रसारित किया।
