सुर, कला और नाटक की अनूठी शाम : आदि आनंद चोरडिया रहे मुख्य आकर्षण
महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : साहित्य संगीत कला मंच की स्थापना के 30 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सबरंग युवा अविष्कार का आयोजन 20 सितम्बर 2025 को चिंचवड़ स्थित एलप्रो सिटी-स्क्वेयर मॉल ऑडिटोरियम में भव्यता से हुआ।
यह संध्या संगीत, नाट्य और फोटोग्राफी का अनोखा संगम बनी। सुप्रसिद्ध तबला वादक पद्मश्री पं. विजय घाटे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। 19 वर्षीय तबला वादक आदि आनंद चोरडिया ने एकल प्रस्तुति देकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
अपनी सटीक लय, गहरी पकड़ और सृजनात्मकता से उन्होंने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हारमोनियम पर पंडित प्रमोद मराठे के शिष्य सुधीर टेकाले ने उत्कृष्ट संगत की। इसके बाद प्रकृति वाहने (संतूर) और संस्कृति वाहने (सितार) ने मनमोहक जुगलबंदी प्रस्तुत की।
उनकी सधी हुई तकनीक और रचनात्मकता ने सभागार को सुरों की गूंज से भर दिया। तबले पर पंडित अनिंदो चटर्जी के शिष्य पं. समीर सूर्यवंशी ने संगत की, जबकि मंच पर पहले से ही अपनी उपस्थिति से दर्शकों को आकर्षित कर चुके आदि आनंद चोरडिया का उत्साह कार्यक्रमभर बना रहा।
संगीत कार्यक्रम के साथ-साथ दर्शक आदि चोरडिया की फोटोग्राफी प्रदर्शनी पुन: हेरिटेज पुणे में भी खो गए। पद्मश्री पं. विजय घाटे ने साहित्य संगीत कला मंच के समन्वयक राकेश श्रीवास्तव और अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
यहां 5000 से अधिक तस्वीरों के संग्रह से चुनी गई 34 दुर्लभ छवियां प्रदर्शित की गईं, जिनमें पुणे के पुराने मंदिर, वाड़े, बाजार और औपनिवेशिक काल की इमारतों को अनूठे अंदाज में कैद किया गया था। यह प्रस्तुति आदि की धरोहर को सहेजने की सोच को दर्शाती है।
संध्या का समापन हिंदी नाटक ‘कर्ण अ वूमन ट्रायलॉजी’ से हुआ। दमदार अभिनय और प्रभावशाली प्रस्तुति ने महाभारत के इस वीर पात्र की संवेदनाओं और साहस को जीवंत कर दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
संगीत, नाट्य और फोटोग्राफी की तिहरी सौगात से सजी सबरंग युवा अविष्कार संध्या ने पुणे के कला प्रेमियों को एक यादगार और प्रेरक सांस्कृतिक अनुभव प्रदान किया। मंच पर अपने तबला वादन और फोटोग्राफी के माध्यम से आदि आनंद चोरडिया ने संपूर्ण कार्यक्रम में बहुमुखी प्रतिभा का परिचय देते हुए दर्शकों का दिल जीत लिया।
