भाईबीज के शुभ अवसर पर आकुर्डी स्थानक भवन में भावपूर्ण बिनंती समारोह सम्पन्न
महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : भाईबीज के पावन अवसर पर आज आकुर्डी स्थानक भवन में एक विशेष और भावनात्मक अवसर देखने को मिला, जब उपप्रवर्तिनी श्रमणी गौरव पूज्या चंद्रकलाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा ३ ने वर्ष २०२६ का चातुर्मास आदिनाथ जैन श्रावक संघ को प्रदान किया।
इस अवसर पर आदिनाथ श्री संघ के अध्यक्ष अनिलजी नहार, २०२६ के भावी अध्यक्ष भारतजी चंगेडीया, विश्वस्त संजयजी साखला एवं सुभाषजी मुथा आकुर्डी स्थानक भवन पधारे और उपप्रवर्तिनी श्रीजी के साथ-साथ प्रवचन विभु पूज्या स्नेहाश्रीजी म.सा. एवं दिवाकर दीपती पूज्या श्रुतप्रज्ञाश्रीजी म.सा. के चरणों में आगामी वर्ष के चातुर्मास की भावपूर्ण बिनंती प्रस्तुत की।
बिनंती के पश्चात विचारविमर्श कर उपप्रवर्तिनी श्री चंद्रकलाश्रीजी म.सा. ने द्रव्य, काल, भाव और क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए अपनी स्वीकृति प्रदान की एवं नवकार साधक पू. तारकऋषिजी म.सा. तथा उपाध्याय प्रवर पू. प्रविणऋषिजी म.सा. के मुखारविंद से चातुर्मास की घोषणा करने का निर्देश दिया।
इसके अनुसार उपाध्याय प्रवर श्रीजी ने २५ अक्टूबर को वर्धमान सांस्कृतिक भवन में आयोजित धर्मसभा में २०२६ के चातुर्मास की आधिकारिक घोषणा की। इस अवसर पर संघ की ओर से परिवर्तन चातुर्मास २०२५ के शिल्पकार अनिलजी नहार एवं तीनों पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया।
गुरुमां के भाईबीज के मंगलमय आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु प्रसिद्ध उद्योजक एवं सेवाभावी सुनीलजी नहार भी अपने परिवार सहित पधारे। अपने उद्बोधन में पू. स्नेहाश्रीजी म.सा. ने भाई-बहन के अटूट स्नेह पर आधारित एक सुंदर मराठी स्तवन प्रस्तुत कर उपस्थितों को भावविभोर कर दिया।
उन्होंने भाईबीज पर्व के इतिहास का वर्णन करते हुए बताया कि यह पर्व भगवान महावीर के निर्वाण कल्याणक के पश्चात घटित घटनाओं से प्रेरित है। धर्मसभा में उपस्थित सभी महानुभावों का स्वागत संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी ने किया। भाईबीज के शुभ अवसर पर आयोजित यह कार्यक्रम श्रद्धा, आनंद और गुरु भक्ति से ओतप्रोत रहा।

















