महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : श्री गोडवाड़ जैन श्वेतांबर मू. पू. संघ, पुणे द्वारा आयोजित विशेष समारोह में पू. आ. श्री नित्यानंदसूरीश्वरजी म. सा. को “राष्ट्रसंत” की पदवी से अलंकृत किया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र सरकार के विशेष राजकीय अतिथि एवं हाल ही में भारत सरकार द्वारा “पद्मश्री” से सम्मानित पू. गच्छाधिपति आ. श्री नित्यानंदसूरीश्वरजी को विशाल जनसमूह की उपस्थिति में यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया।
संघ के अध्यक्ष फतेचंद रांका, सचिव गणपतराज मेहता व समस्त ट्रस्ट मंडल ने पूज्य गुरुदेव को सम्मान पत्र और “राष्ट्रसंत” पदवी से विभूषित किया। इस शुभ अवसर पर फतेचंद रांका परिवार ने गुरु पूजन का लाभ लेते हुए गुरुदेव श्री को कांबली ओढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त किया।
कार्यक्रम में भूतपूर्व ट्रस्टी विमलजी संघवी ने सम्मान पत्र का वाचन किया, जिसके बाद संघ अध्यक्ष फतेचंद रांका ने अपने उद्बोधन में कहा, “गुरु के उपकारों का ऋण हम कभी नहीं चुका सकते, मगर इस ‘राष्ट्रसंत’ पदवी से अलंकृत करते हुए हम स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।”
इस अवसर पर पू. मुनिराज श्री मोक्षानंदविजयजी ने गुरु के गुणों का वर्णन करते हुए कहा कि “गुरु के आशीर्वाद से ही जीव भवसागर रूपी संसार से पार हो सकता है।” अपने उद्बोधन में पू. आ. श्री नित्यानंदसूरीश्वरजी ने कहा कि “पदवी से कहीं अधिक मेरे लिए गोडवाड़ वासियों का स्नेह महत्वपूर्ण है। समाजहित के कार्यों में गोडवाड़ समाज की सक्रिय सहभागिता अधिक आवश्यक है।”
इस अवसर पर मुंबई बांद्रा से शांतिलाल रांका के नेतृत्व में ट्रस्ट मंडल ने आगामी शाश्वत ओली आराधना व संक्रांति महोत्सव में गुरुदेव श्री की निश्रा प्रदान करने की विनती की, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकृति प्रदान की।
कार्यक्रम का सुंदर संचालन ट्रस्टी संपतजी जैन ने किया, वहीं आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने गुरुदेव श्री की मधुर अमृतवाणी का विशेष उल्लेख किया। कार्यक्रम की सफलता में प्रकाश छाजेड़, संपत जैन, भद्रेश बाफना, सुरेश कुंकुलोल, अशोक लोढ़ा, ललित ललवाणी, रोहित बाफना, किरण बलडोटा, पारस बोराणा, विजय नाहर आदि समाजजनों की महत्वपूर्ण सहभागिता रही।
समारोह के समापन पर स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के अनेक श्रद्धालु शामिल हुए।
