उपाध्याय प्रवर प. पु. प्रवीणऋषिजी म. सा. के सानिध्य में हुआ ऐतिहासिक आयोजन
महाराष्ट्र जैन वार्ता
पुणे : गौतमलब्धि फाउंडेशन का 18वां राष्ट्रीय अधिवेशन पुणे में उत्साह और भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ। देशभर से आए प्रांतीय पदाधिकारी, कार्यकर्ता और समाज के प्रमुख गणमान्य इस अवसर पर एकत्रित हुए।
अधिवेशन का शुभारंभ उपाध्याय प्रवर प. पू. प्रवीणऋषिजी म. सा. के मंगलाचरण से हुआ। उन्होंने कहा कि संगठन की शक्ति सेवा और अनुशासन में निहित है। “नवीन पीढ़ी को धर्म और सेवा में समान रूप से आगे बढ़ना चाहिए।
हर कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारी को कर्मयोग माने, तभी संगठन सशक्त होगा,” ऐसा उनका प्रेरक संदेश रहा। अधिवेशन के दौरान संगठन की संरचना और नियमावली पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया गया।
यह पुस्तक ॲड. नितिन संकलेचा द्वारा संपादित है, जिसमें संगठनात्मक अनुशासन और कार्यपद्धति का विस्तृत मार्गदर्शन दिया गया है। इस अवसर पर एक ही क्रम में पूरी नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की गई।
राष्ट्रीय संयोजक अनिल नहार, राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज फुलफगर, कार्याध्यक्ष राजेंद्र मुनोत, लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय महामंत्री ॲड. नितिन संकलेचा, सहमंत्री सेजल कटारिया, महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष संतोष ललवाणी, प्रदेश महामंत्री पवन भंडारी और पुणे जिला अध्यक्ष सुरेश गांधी को सर्वसम्मति से नियुक्त किया गया।
सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों का संगठन की ओर से हार्दिक अभिनंदन किया गया। अधिवेशन के दौरान सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों ने समाज की सेवा को सर्वोच्च बताते हुए अपने विचार व्यक्त किए।
पुणे में आयोजित इस भव्य अधिवेशन को सफल बनाने में गौतमलब्धि फाउंडेशन, परिवर्तन 2025 चातुर्मास समिति और आदिनाथ जैन स्थानक संघ, पुणे के कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। देशभर से आए सभी प्रतिभागियों का हार्दिक स्वागत और सम्मान किया गया।
“नई कार्यकारिणी के साथ संगठन को और मजबूत करेंगे और सेवा कार्यों को देशभर तक पहुँचाएँगे।” – सुनील संचेती
“यह अधिवेशन समाज की एकता और सेवा का प्रतीक है। हमारा लक्ष्य है कि गौतमलब्धि फाउंडेशन हर स्तर पर शिक्षा और संस्कारों का मार्ग प्रशस्त करे।” – अनिल नहार
यह अधिवेशन केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि समाज के उज्ज्वल भविष्य का संकल्प है। सभी कार्यकर्ताओं के सहयोग से हम और बड़े लक्ष्य प्राप्त करेंगे।” – राजेंद्र मुनोत
