जैन संप्रदाय के लोगों ने पहाड़ी पर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और मिठाइयां बांटी
महाराष्ट्र जैन वार्ता : अभिजीत डुंगरवाल
पावागढ़ : वर्धमान तपोवन निधि यात्राधाम और शक्तिपीठ पावागढ़ में 19 खंडित जैन तीर्थंकर मूर्तियों को पुनर्स्थापित कर लिया गया है।
श्री नयचन्द्रसागर सूरीश्वरजी म. सा. और डॉ. सहस्र वर्धन हालोल, वडोदरा व अन्य गांवों व शहरों से आए जैन संप्रदाय के करीब 400 से 500 लोगों ने श्री अजीतचंद्र सागरजी म. सा. के सान्निध्य में प्रतिमाओं की पूजा कर मिठाइयां बांटी और प्रतिष्ठा महोत्सव मनाया।
इसके अलावा पावागढ़ में सात-आठ जिनालयों के दर्शन कार्य हुए। पौराणिक तीर्थस्थल एवं शक्तिपीठ पावागढ़ पहाड़ी पर शक्ति द्वार के पास पुरानी बावड़ियों में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा जैन संप्रदाय के तीर्थंकर की प्रतिमाओं को खंडित करने के संबंध में पावागढ़ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई थी। जिसमें प्रदेश भर के जैन धर्मावलंबियों में भारी आक्रोश देखा गया।
घटना पर आक्रोश के साथ राज्य भर में आंदोलन शुरू हो गये। हालाँकि, एक बड़े विवाद के बाद, इस विवाद में तंत्र और जैनियों के बीच सौहार्दपूर्ण समझौते और स्थल पर 19 खंडित मूर्तियों की बहाली के साथ जैनियों का आंदोलन तीन दिन पहले निलंबित कर दिया गया था।
वहीं गुरुवार को जैन साधु भगवंत ने बड़ी संख्या में जैन अनुयायियों के साथ पावागढ़ पहाड़ी पर जाकर सभी पुनर्स्थापित मूर्तियों की पूजाअर्चना की। पांच दिन पहले, यात्राधाम पावागढ़ में पहाड़ी पर पुराने फुटपाथ शक्ति द्वार के पास जैन समुदाय के भगवान नेमिनाथ की मूर्तियों को कुछ अज्ञात लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था।
जैन भिक्षु बड़ी संख्या में जैन अनुयायियों के साथ पावागढ़ पहाड़ी पर गए और पुनर्स्थापित मूर्तियों की पूजा की।
